ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा का जन्म 2 दिसंबर सन् 1960 में बिहार की राजधानी पटना में हुआ था. जगत प्रकाश नड्डा ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा और बी.ए की डिग्री पटना के कॉलेज से हासिल की है. वहीं इन्होंने एलएलबी (LLB) की डिग्री हिमाचल प्रदेश यूनिवर्सिटी से प्राप्त की है.
कौन है जगत प्रकाश नड्डा
जगत प्रकाश नड्डा को हिमाचल प्रदेश और बीजेपी के ताकतवर नेताओं में गिना जाता है. इस वक्त जगत प्रकाश नड्डा को भारतीय जनता पार्टी की ओर से देश के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय संभालने को मिला हुआ है. इतना ही नहीं जगत प्रकाश नड्डा हिमाचल प्रदेश की राजनीति में अभी भी काफी सक्रिय हैं.
जगत प्रकाश नड्डा भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेताओं में से एक हैं. जगत प्रकाश नड्डा का ताल्लुक भारत के हिमाचल प्रदेश राज्य से है. अपनी काबिलियत के दम पर जगत प्रकार नड्डा ने आज बीजेपी पार्टी में अपना एक ऊंचा कद बनाया है. वहीं भारत के इतने छोटे राज्य से नाता रखने वाले जेपी नड्डा ने किस तरह से अपनी पहचान भारतीय राजनीति में बनाई इसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं.
जगत प्रकाश नड्डा का परिवार
जगत प्रकाश नड्डा के पिता और माता का नाम डॉ नारायण लाल नड्डा और कृष्णा नड्डा है. नड्डा के पिता नारायण लाल नड्डा पटना विश्वविद्यालय के कुलपति थे. वहीं सन् 1991 में जगत प्रकाश नड्डा ने मल्लिका नड्डा से विवाह किया था, जो कि हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में बतौर प्रोफेसर कार्य करती हैं. वहीं मल्लिका नड्डा के पिता जबलपुर से लोकसभा सांसद रह चुके हैं. जगत प्रकाश नड्डा और मल्लिका नड्डा के दो बच्चे हैं.
कैसे शुरू हुआ राजनीति का सफर
जगत प्रकाश नड्डा के राजनीति सफर की शुरूआत साल 1975 में जेपी आंदोलन से हुई थी. देश के सबसे बड़े आंदोलनों में गिने जानेवाले इस आंदोलन में जगत प्रकाश नड्डा ने भी भाग लिया था. इस आंदोलन में भाग लेने के बाद जगत प्रकाश नड्डा बिहार की बीजेपी की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) में शामिल हो गए थे. जिसके बाद उन्होंने 1977 में अपने कॉलेज में छात्र संघ का चुनाव लड़ा था और इस चुनाव को जीतकर वो पटना विश्वविद्यालय के सचिव बन गए थे. वहीं पटना विश्वविद्यालय से स्नातक होने के बाद नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में एलएलबी की पढ़ाई शुरू कर दी. इस दौरान उन्होंने हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में भी छात्र संघ का चुनाव लड़ा और उसमें जीत हासिल की. बीजेपी द्वारा नड्डा को साल 1991 में अखिल भारतीय जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया था.
हिमाचल प्रदेश में लड़ा विधानसभा का चुनाव
साल 1993 में जेपी नड्डा ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा की बिलासपुर सीट से चुनाव लड़ा और इस सीट पर अपनी जीत दर्ज की. जिसके बाद उन्हें प्रदेश की विधानसभा में विपक्ष का नेता चुना गया था.
इसी तरह उन्होंने साल 1998 और साल 2007 में इस सीट से फिर चुनाव लड़ा और जीता हासिल की. वहीं उनको इस दौरान प्रदेश की कैबिनेट में भी जगह दी गई. उन्हें साल 1998 में हिमाचल प्रदेश का स्वास्थ्य मंत्रालय दिया गया और साल 2007 में वो वन पर्यावरण और संसदीय मामलों के मंत्री रहे.
राज्यसभा के लिए चुने गए
जिस तरह से जगत प्रकाश नड्डा ने बीजेपी पार्टी के लिए कार्य किया, उसे देखते हुए पार्टी ने साल 2012 में जगत प्रकाश नड्डा को हिमाचल प्रदेश की ओर से राज्यसभा में भेजा था और इस समय वो राज्यसभा के सांसद के रूप में कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा वो परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर बनी समिति के सदस्य भी रहे हैं. वहीं इस वक्त उनको बीजेपी पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव भी नियुक्त किया गया है.
किया कई देशों का दौरा
नड्डा ने कई देशों का दौरा भी किया है, जिनमें अमेरिकी, कोस्टा रिका, कतर, कनाडा, ग्रीस और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के नाम शामिल है. इन देशों में जाकर जेपी नड्डा ने यहां पर किए जानेवाले चुनाव प्रक्रिया, स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली और इत्यादि चीजों का अध्ययन किया.
जगत प्रकाश नड्डा से जुड़े विवाद
कैबिनेट में मिली जगह पर हुआ विवाद
जगत प्रकाश नड्डा को 2014 में मोदी द्वारा उनकी कैबिनेट में बतौर मंत्री चुना गया था. नड्डा को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के स्वास्थ्य मंत्रालय की बागडोर सौंप दी है. जेपी नड्डा से पहले इस मंत्रालय को संभालने की पूरी जिम्मेदारी डॉ हर्ष वर्धन के पास थी. वहीं नड्डा को सरकार द्वारा दी गई ये नई जिम्मेदारी को लेकर काफी विवाद भी हुआ था. जहां डॉ हर्ष वर्धन को बीजेपी के इस फैसले से काफी धक्का लगा था. वहीं आम आदमी पार्टी ने मोदी के इस फैसले पर कई सवाल उठाए थे. आम आदमी पार्टी का आरोप था कि एम्स के मुख्य सतर्कता अधिकारी संजीव चतुर्वेदी को हटाने के पीछे नड्डा का हाथ था. गौरतलब है कि चतुर्वेदी ने एम्स के शीर्ष अधिकारियों से जुड़े घोटालों में सीबीआई जांच की सिफारिश की थी. जिसके बाद नड्डा ने हर्ष वर्धन को हटाने की सिफारिश की थी.
एनईईटी परीक्षा पर हुआ विवाद
साल 2016 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा द्वारा एनईईटी (NEET) परीक्षा पर लिए गए एक फैसले को लेकर काफी हंगामा हुआ था. दरअसल सरकार द्वारा बनाए गए एनईईटी परीक्षा से जुड़े एक अध्यादेश के मुताबिक सभी प्राइवेट मेडिकल कॉलेज और संस्थान को एनईईटी के दायरे के अंतर्गत लिया गया था. जिसका काफी विरोध हुआ था.
नड्डा की उपलब्धियां
नड्डा ने अपनी पढ़ाई के दिनों में दिल्ली में आयोजित अखिल भारतीय जूनियर स्विमिंग चैम्पियनशिप में बिहार राज्य की ओर से प्रतिनिधित्व किया था. इतना ही नहीं वो हिमाचल प्रदेश के ओलंपिक संघ के राष्ट्रपति भी थे. हाल ही में जेपी नड्डा को विश्व तंबाकू नियंत्रण के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन से विशेष मान्यता पुरस्कार प्राप्त हुआ था.