हाफिज सईद को 11 साल की सजा, भारत के सरकारी सूत्रों ने कहा- पाकिस्‍तान की नीयत पर शक!

अंतरराष्‍ट्रीय आतंकी हाफिज सईद(Hafiz Saeed) को आखिरकार पाकिस्‍तान की कोर्ट ने टेरर फंडिंग मामले में सजा सुना दी है। 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज को आतंकवाद रोधी अदालत ने टेरर फंडिंग (Terror Financing) के मामले में दोषी करार दिया है। हालांकि, भारत सरकार के सूत्र के मुताबिक, पाकिस्‍तान को यह कदम अंतरराष्‍ट्रीय समुदाय के दबाव और एफएटीएफ की बैठक के वजह से उठाना पड़ा है। बता दें कि अदालत ने जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज सईद को 11 साल जेल की सजा सुनाई गई है।



सरकारी सूत्रों के मुताबिक, हमने मीडिया रिपोर्टों में देखा है कि पाकिस्तान की एक अदालत ने टेरर फंडिंग मामले में संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अभियुक्त आतंकवादी हाफिज सईद को सजा सुनाई है। यह पाकिस्तान पर लंबे समय से लंबित अंतरराष्ट्रीय दायित्व का हिस्सा है, ताकि आतंकवाद का खात्‍मा कम किया जा सके। हालांकि, पाकिस्‍तान की नीयत पर शक जताते हुए सरकारी सूत्र ने कहा, 'फाइनेंसिएल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की बैठक की पूर्व संध्या पर निर्णय किया गया है, जिस पर ध्‍यान दिया जाना है। इसलिए, इस निर्णय की प्रभावकारिता देखी जा सकती है।'


सूत्र के अनुसार, यह भी देखा जाना चाहिए कि क्या पाकिस्तान अपने नियंत्रण में आने वाले सभी आतंकवादी संगठनों और क्षेत्रों से काम करने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेगा? क्‍या मुंबई और पठानकोट में सीमा पार से हुए आतंकवादी हमलों के अपराधियों को न्याय दिलाएगा?


दरअसल, एफएटीएफ ने पाकिस्तान को अपनी ग्रे सूची में डाल है और उसपर काली सूची में जाने का खतरा मंडरा रहा था। ऐसे में कंगाली की कगार पर पहुंच चुके पाकिस्‍तान को यह कदम उठाना पड़ा है। आतंकवाद विरोधी अदालत ने 11 दिसंबर को टेरर फंडिंग मामलों में सईद और उसके करीबी सहयोगियों को दोषी ठहराया था।


 

गौरतलब है कि सईद पर लाहौर और गुजरांवाला में दर्ज दो टेरर फंडिंग मामलों में सजा सुनाई गई है। अदालत ने सईद को दोनों मामलों में साढ़े पांच- साढ़े पांच साल की सजा सुनाई है जो साथ-साथ चलेंगी। इसके अलावा प्रत्येक मामले में 15,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।