चीन के वुहान से शुरू हुए कोरोना वायरस का प्रकोप अब दुनियाभर में देखने को मिल रहा है. दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में लोगों की जान जा रही है तो इसका आर्थिक तौर पर भी प्रभाव पड़ रहा है. इन हालातों का असर भारत के शेयर बाजार पर भी दिखा है. बीते 1 हफ्ते से कारोबार के दौरान शेयर बाजार में गिरावट का दौर जारी है. सप्ताह के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को तो सेंसेक्स और निफ्टी ने साल की सबसे बड़ी गिरावट देखी. इस हालात में निवेशकों के 6 लाख करोड़ से अधिक की रकम डूब गई है.
शुक्रवार को सेंसेक्स और निफ्टी का हाल
शुक्रवार को सेंसेक्स करीब 1448 अंक कमजोर होकर 38,297.29 के स्तर पर बंद हुआ. वहीं निफ्टी 432 अंक टूटकर 11,201.80 के स्तर पर रहा. नवंबर, 2016 के बाद सेंसेक्स की ये सबसे बड़ी गिरावट है. वहीं शेयर बाजार में 11 साल की सबसे बड़ी साप्ताहिक गिरावट रही. बता दें कि बीते 6 कारोबारी दिन में बीएसई पर लिस्टेड कंपनियों के मार्केट कैप में 11 लाख करोड़ से अधिक की कमी आई है. आसान भाषा में समझें तो 6 कारोबारी दिन में निवेशकों के 11 लाख करोड़ से अधिक डूब गए हैं.
शुक्रवार को 6 लाख करोड़ का नुकसान
सिर्फ शुक्रवार को निवेशकों को 6 लाख करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है. बता दें कि शुक्रवार को बीएसई इंडेक्स का मार्केट कैप 1,46,87,010.42 करोड़ पर रहा. इससे पहले गुरुवार को बीएसई इंडेक्स का मार्केट कैप 1,52,40,024.08 करोड़ रुपये था. इस लिहाज से सिर्फ एक दिन में मार्केट कैप में 6 लाख करोड़ से ज्यादा की कमी आई है.
क्या है वजह
- बाजार के जानकारों की मानें तो कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप की वजह से विदेशी निवेशकों में डर का माहौल है. दरअसल, चीन में कोरोना वायरस के कहर की वजह से मंदी जैसा माहौल है. वहीं भारतीय बाजार काफी हद तक चीन से आयात पर निर्भर है. ऐसे में निवेशकों को लग रहा है कि चीन की मंदी का असर भारतीय बाजार पर पड़ने वाला है. यही वजह है कि वे शेयर बेच कर निकल रहे हैं.
- भारत में चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही (अक्टूबर- दिसंबर) के जीडीपी ग्रोथ रेट आंकड़े आज यानी शुक्रवार शाम को जारी होने वाले हैं. तमाम रेटिंग एजेंसियां बता रही हैं कि ये आंकड़े सरप्राइज करने वाले नहीं होंगे.
- ग्लोबली शेयर बाजार की हालत भी खराब है. अमेरिका का डाउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज गुरुवार को 1,190.95 अंक गिरकर बंद हुआ था. यह डाउ जोन्स के इतिहास में सबसे बड़ी एकदिवसीय गिरावट है. वहीं एशियाई बाजारों में चीन के शंघाई कंपोजिट, हांगकांग के हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया के कोस्पी और जापान के निक्की में चार प्रतिशत तक की गिरावट चल रही थी.
- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की बिकवाली जारी रहने से भी बाजार पर दबाव है. आंकड़ों के मुताबिक गुरुवार को एफपीआई ने 3,127.36 करोड़ रुपये की शुद्ध बिकवाली की.
-इस बीच, कच्चा तेल 3.38 प्रतिशत गिरकर 49.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. रुपया भी कारोबार के दौरान 55 पैसे गिरकर 72.16 रुपये प्रति डॉलर पर चल रहा था.