कोलंबो, प्रेट्र। श्रीलंका के राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने सोमवार को संसद भंग करते हुए 25 अप्रैल को मध्यावधि चुनाव कराने का एलान किया। श्रीलंकाई संसद अपनी निर्धारित अवधि से छह माह पहले भंग की गई है।
सरकार के प्रिंटिंग डिपार्टमेंट के अनुसार राष्ट्रपति ने मध्यरात्रि को संसद भंग करने के आदेश पर हस्ताक्षर किए। मौजूदा संसद का गठन एक सितंबर 2015 को किया गया था। श्रीलंका में संसद को भंग करने के लिए यह आवश्यक है कि उसका साढ़े चार साल का समय पूरा हो गया हो।
अधिसूचना के मुताबिक 25 अप्रैल को चुनाव के साथ ही नई संसद का पहला सत्र 14 मई से शुरू होगा। राजनीतिक दल और निर्दलीय उम्मीदवार 12 से 19 मार्च के बीच नामांकन करा सकते हैं। 1.62 करोड़ लोग 196 संसद सदस्यों का चुनाव करेंगे। श्रीलंका की संसद की कुल सदस्य संख्या 225 है। 29 सदस्य आनुपातिक प्रतिनिधित्व के आधार पर चुने जाते हैं।
बता दें कि पिछले साल हुए राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद गोतबाया ने अपने बड़े भाई महिंदा राजपक्षे को कार्यवाहक प्रधानमंत्री नियुक्त किया था।
भारत आए थे महिंदा राजपक्षे
श्रीलंका में हाल में हुए चुनाव में राष्ट्रपति चुने गए गोटाबाया राजपक्षे के सत्ता में आने के बाद प्रधानमंत्री बने महिंदा राजपक्षे अपनी पहली विदेश यात्रा पर भारत आए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई द्विपक्षीय बैठक में दोनों नेताओं के बीच दिखी गरमाहट से साफ है कि राजपक्षे सत्ता की इस नई पारी में चीन की तरफ एकतरफा झुकाव की पुरानी राह पर नहीं चलेंगे। इसीलिए अपने छोटे भाई राष्ट्रपति गोटाबाया के पहले विदेश दौरे के लिए भारत को चुनने के बाद महिंदा ने भी मोदी से मुलाकात को सबसे पहली वरीयता दी है।